शुक्रवार, अक्तूबर 13, 2006

दैनिक जागरण में हिंदी ब्लाग

पिछली पोस्ट में मैंने दैनिक जागारण में छपे हिंदी ब्लाग से संबंधित लेख का जिक्र किया था। लेख फोटो यहां दिये जा
रहे हैं। पढ़ने के लिये चित्र पर क्लिक करें।





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1 टिप्पणी:

  1. जागरण आदि हिन्दी अखबारों की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गयी है, क्योंकि उन्हे बहुत बड़े समूह की आवश्यकताओं को पूरा करने की जिम्मेदारी है, जिसमें विविधता ही विविधता है। इस तरह के लेख कम से कम ६ महीना पहले आने चाहिये थे। किन्तु फिर भी ठीक है, अभी भी बहुत देर नही हुई है। हिन्दी अखबारों को तकनीक और अन्य क्षेत्रों के सबसे अगली पंक्ति में हो रही प्रगति पर कड़ी नजर रखनी चाहिये अन्यथा वे अपने पाठक वर्ग से न्याय नही कर पायेंगे।

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