आप सबका चिठ्ठाऐ मैदान में स्वागत है। अभी अभी समीर लाल जी और फुरसतिया जी की जोड़ी अविजित शतकिय पारी निभा कर पैवेलियन वापस गई है। धुरंधर बैटिंग के छक्के चौको के मध्य एक जोरदार अपील भी कर दी गई। अपील पर अंपायर बकनर ने फैसला दिया है कि लगे रहो प्रेमेन्द्र भाई। और प्रेमेन्द्र भाई है कि सिर्फ एक दो अंपायरो के अलावा सारे अंपायरो को आईसीसी पैनल से रूखसत करवाने का परवाना तलाश रहे हैं।
भरोसे और विश्वास पर पूरा संसार टिका है और कुछ लोगों ऐसे है, जिन पर मै अपने से ज्यादा भरोसा करता हू। पर मानवीय भूल भी कुछ होती है। मैने अपनी पोस्ट दीवार मे सेध की सूचना चिठ्ठा चर्चा को दी थी पर उसका कही भी जिक्र नही हुआ। तब मै कैसे विश्वास कर लू? एक दो चिठ्ठाचर्चाकारो पर तो विश्वास हे कि मेरे लेख और कविता को इस चर्चा पर जगह देगें पर सब पर नही है।
खैर अब देखते हैं कि कौन से नये खिलाड़ी आज मैदान पर हैं।
अरे बाप रे , यह कौन शोएब अख्तर है जिसकी बाऊँसर अपने सिर के ऊपर से निकल गई। हमारे एक्सपर्ट कमेंटेटर स्वामी जी भी साथ है। स्वामी जी आपका क्या कहना है मिसिर जी के ताबड़तोड़ कवर ड्राईव पर?
स्वामीः अरे यार मिसिर ने न्यू दिल्ली टाईम की डीवीडी देख ली है, जिसमे डायलाग है "हम इस उम्मीद में छींकते है कि सरकार को जुकाम हो जाये।" जब तक यह खासी जुकाम अखबारी खबरचियो तक था , सरकार मीसा वगैरह के जरिये निपट लेती थी। अब तो ब्लाग वगैरह से पूरा देश छींकना शुरू कर दिया है तो ये बैन वगैरह ही लगायेगी सरकार।
कमेंट्रेटरः हम्म,तो भाईयो और जीतू भाई कि बहनो अगली बाल, फुलटॉस और इसे हुक कर दिया है फुरसतिया जी ने हमेशा की तरह इस बार भी मनचाही दिशा में। फुरसतिया जी की बैटिंग की खासियत है , बाल चाहे आन साईड से आये चाहे आफ साईड से , उनके हुक और पुल उधर ही पड़ते है जिधर उन्हें बाल बेजने होती है।
स्वामीः बिल्कुल सही, फुरसतिया जी का शॉट सीधा प्रत्यक्षा जी के आँगन मे गिरा है और सारे ब्लागर बाल उठाने साथ साथ जा रहे हैं, बिना बधाई दिये बाल नही मिलने वाली।
कमेंट्रेटरः और ये अगली दो टप्पे वाली गुगली फेंकी है जीतू भाई ने।
स्वामीः ये जो जीतू हैं, उनकी गुगली आजकल मिर्जा और छुट्टन बहुत शिद्दत से याद करते हैं। पर जीतू भाई क्या करे, कोच चैपल ने उन्हें टॉप आर्डर में परिचर्चा , जुगाड़ और नारद के चौके छक्के लगाने को भेज दिया है। स्वामी जी आप कौन सी गहन सोच में पड़ गये?
स्वामी जीः जैसे भाटिया जी बाल से खाल निकालने की कोशिश कर रहे हैं कुछ वैसा ही फितूर हमारे दिमाग मे भी है।
कमेंट्रेटरःक्या आप हमारे दर्शको को नही बताना चाहेंगे?
स्वामीः अब क्या बतायें,पहले जीतू भाई की यह लाइन देखो।
एक सेक्सोलाजी एक्सपर्ट: काहे का एक्सपर्ट, साले के कन्सलटिंग आफिस मे मक्खियां भी नही आती
फिर उनकी यह पोस्ट पढ़ो
अब दोनो मे कनेक्शन लगाओ तो पहला सवाल यह आया कि जीतू भाई को बिना सेक्सोलाजिस्ट के आफिस जाये कैसे तो यह पता नही लग सकता कि सेक्सोलाजिस्ट के कन्सलटिंग आफिस मे मक्खियां भी नही आती! हमको तो यही लगता है कि हमेशा कमर में मोबाइल खोंसकर सारी दुनिया को टिप्स देने के चक्कर में जीतू भाई को कुछ शकोसुबहा हो गया होगा तबही वो सेक्सोलाजिस्ट डा. झटका के पास गये , वहाँ उसे मक्खी उड़ाते देख कर लौट आये और सारी दुनिया को बता रहे हैं कि ...., अब यार ज्यादा मुँह न खुलवाओ, यह काम शुकुल बढ़िया करते हैं।
कमेंट्रेटरः स्वामी जी, वह देखिये, टीम के तेज गेंदबाज आपके नामभाई ईस्वामी कभीअलविदा वाले शाहरूख की तरह लंबा रनअप ले रहे हैं। शेन बांड की तरह तेज गेंद फेंकते हैं। बहुतो की खोपड़िया के ऊपर से निकल जाती है। और यह उनकी अगली गेंद और यह क्या वाईड बॉल! स्वामी जी यह क्या?
स्वामीः ये अपने ईस्वामी जी ने बहुत दिन से गेंदबाजी नही की है न, इसलिये थोड़ा रस्टी हो गये हैं, खुद ही कबूले हैं कि
यार अब तो ऑफ़िशियली उम्रदराज़ तो हो ही गये हैं हम
इनको एक ओवर में छः अलग अलग तरह की बॉल न डालकर एक तरह की बॉल डाले तो कयामत ढा सकते हैं।
कमेंट्रेटरः जरा खुलासे से बताइये स्वामी जी।
स्वामीः भई अब या तो नोस्टालजिया लो, या नई तकनीक का बखान कर लो, या फिर फिल्म चर्चाकर लो, पिछले सारे महीनो की खसलत एक पोस्ट में दाखिल खारिज करोगे तो पब्लिक के सर के ऊपर से जायेगी कि नही?
कमेंट्रेटरःअगले ओवर से पहले एक नानकामर्शियल ब्रेक लेते हैं , सुनिये यह कविता मोहन राणा से।
मैं एक बूढ़े आदमी को सुन रहा हूँ
कला दीर्घा की छत पर
सीले हुए अँधरे में
केवल देख रहा हूँ अपने को थोड़ी देर पहल
कमेंट्रेटरः और अब अगला विज्ञापन इंटरनेट रेडियो कंपनी के सेल्समैन नाहर जी से सुनिये।
कमेंट्रेटरः इसको कहते है अब्दुल कादिर वाली गुगली। बॉल जाती दिख रही थी ईरान, पहुँच गयी तूरान और बल्लेबाज पढ़ने वाले क्लीन बोल्ड!
स्वामीः वैसे एक बात तो है , ईस्वामी और दादा, जैसे बैट्समैन चाहे क्रीज पर जितनी देर भी रहे, बल्लेबाजी मनलुभावन करते हैं। आज दादा बहुत दिन बाद बैटिंग को आये तो लोगो को शाट अच्छे लग रहे हैं।
कमेंट्रेटरः प्यारे दर्शको अगर आपको किसी भी बॉलर की गति नापनी हो आज शाम को क्रिकेट स्पेशल देखना न भूलिये, इस एक्सपर्ट ने सबकी चाल नाप रखी है।
कमेंट्रेटरः भाईयो और जीतू भाई की बहनों , अभी अभी मैदान पर दर्शको ने हामरी बोरिंग कमेंट्री से उकता कर टमाटर अँडे फेंकने शुरू कर दिये है। अतः हमें कमेंट्ररी रोकनी पड़ेगी। अब अगले विशेषज्ञ का इंतजार कीजिये तब तक हम स्वमी को जीतू भाई के घर छोड़ कर आते हैं।
आज की टिप्पणी (1):गिरिराज जोशी
वाह भूवनेशजी आपने किया खूब कमाल
तमाचा मार गाल पर खूब किया है लाल
ब्रेकिंग न्य़ूज ला रहे दनादन समाचार चैनल
खबरों के स्तर पे आप बिठा दिये हो पैनल
खूब लाये बानगी खबरें होगी कैसी कल
हँस-हँस के पेट में पड़ गए हमारे बल
दुःख हुआ अन्त्येष्टि में ना हो पाऊँगा शामिल
सलाम ऐसे जांबाज को कुत्ता था बड़ा काबिल
गोरेलालजी के ग्राहक हैं अरे हम भी तो हाय
दूध बिना ना हुई नसीब स्फुर्तिदायक चाय
आँखे मलते बैंक पहूँचे ना मिला वहाँ भी कोय
बताया आपने तो मालूम पड़ा गाड़ी पंचर होय
सांडो के लिए बनेगा अखाड़ा, यह तो अच्छी बात
धार्मिक दंगा कम भड़कादे बककर अपनी जात
पर्यावरण की स्थिति तो सचमुच है गंम्भीर
बिजली की किल्लत भी रही कलेजा चीर
देश को बरबाद करेगा लगता है यह क्रिकेट
जिसे देखो थाम के निकला हाथ अपने बेट
खबरीलाल और पैंदीलाल को खिलाओ मिठाई
लेख बहूत अच्छा लिखा स्वीकार करो बधाई!!!
आज की टिप्पणी (2): समीर लाल
वैसे एक बात बताऊँ, कि आप अपने मनसूबों में कामयाब रहीं. अब रसोई में तो जो भी पकाया हो, यहाँ तो वाकई खुब पकाया. हम तो ट्यूब लाईट के पीछे भी राना जी को ढूंढते रहे मगर वो न जाने कहां छिप गये
आज की फोटो: कल्यान वर्मा के फोटोब्लाग से
वाह अतुल जी, नये पोस्टों के साथ साथ टिप्पणियों को भी बहुत ही रोचक तरीके से पेश किया है। आज हम भी अंग्रेजी का एक शब्द प्रयोग करना चाहते हैं - ग्रेट!
जवाब देंहटाएंवाह... बढिया कमेंट्री है। टमाटर-अण्डे तो नहीं, लेकिन वाह-वाह की बौछार की जा सकती है। :-)
जवाब देंहटाएंआज के समाचार (कमेंट्री) बहुत बढिया है।
जवाब देंहटाएंचिठ्ठा चर्चा को नये कलेवर मे परोसने का प्रयास सराहनीय है। लगे रहो अतुल भाई लगे रहो।
जवाब देंहटाएंबधाई
अतुल भाई
जवाब देंहटाएंक्रिकेट के मौसम में कमेंट्री…अंदाज बहुत पसंद आया. जारी रखें.
नया फ्लेवर में चिट्ठा चर्चा करें अतुल कमेंटरी
जवाब देंहटाएंखेल क्रिकेट के साथ जमाई क्या खूब सिमेटरी
कभी बाऊँसर, कभी अपील, कभी फैंकत गुगली
कवर ड्राईव, नई तकनीक, बैटिंग अच्छी लगती
लिये बैठी जो नाम हमारा "आज की टिप्पणी"
वजह यही जो लगी अच्छी अतुल की कमेंटरी
चिट्ठा चर्चा का स्तर हर बार ऊपर ही उठता जा रहा है।
जवाब देंहटाएंनया तरीका बहुत अच्छा लगा, चर्चाकारी का!
जवाब देंहटाएंबधाई