आप बजाते रहें तालियाँ हम गुरु नाम उचारें ॥
सर्वविदित हो शिव कुमार मिश्रा जी गुरु हमारे ।
धन्यवाद शुक्लाजी का हमको इस योग्य विचारे ॥
अरे तालियाँ बहुत हो गयीं चर्चा आगे पढिए ।
कुत्ते मिले निकलते ही बच बचकर आगे बढिए ॥
कविता प्रेमी एक नज़र तृष्णा की ओर घुमालें ।
नारी मुक्ति विषय पर यह दीपक का व्यंग्य सँभालें ।।
मुहिम चले फुटकर में यह कहते हैं करमाकर जी ।
नाच रहा रोबोट पढें मत पढें आपकी मरज़ी ।।
यहाँ लाभ के पद पर करें द्विवेदी जी कुछ चर्चा ।
जरा विचारें लाभ न हो तो चल सकता क्या खर्चा ?
मुसलमान जज्बाती ना हों यह शहरोज़ बताएं ।
बेशक है सलाह अच्छी सब हिन्दू भी अपनाएँ ॥
यह शब्दों का सफर तय करें अपना ज्ञान बढाएं ।
अजित प्रथम ब्रह्माण्ड सुन्दरी से सबको मिलवाएँ ॥
ए टी एम गज़ब है इससे वोट निकलते जाते ।
बटला हाउस के बारे में क्यों न स्वयं पढ जाते ॥
पुरुष प्रधान सोच बदले यह अशोक जी का नारा ।
नारी का उत्थान करें तो बदलेगा जग सारा ॥
पहर तीसरे पोस्ट लिखी क्या खाक समझ आएगा ?
डाक्टर जी को खुद पढ लें तो निर्णय हो जाएगा ॥
ज्ञान दत्त पाण्डेय जी ने फिर नया शिगूफा छोडा ।
हिन्दी ब्लॉगिंग की कथा-व्यथा को टॉल्स्टॉय से जोडा ॥
सलाह मशविरा देने को जूतम पैजार बताया ।
कुछ लोगों की भावनाओं को शामोसहर सताया ॥
किन्तु छिड गयी बहस आगए योद्धा सभी निकल के ।
चाहें तो कुछ बहस करें इस बहस ब्लॉग पर चल के ॥
इस मंदी के बावजूद ये संडे यूँ ही आया ।
किन्तु यह नहीं व्यंग्य कहें आलोक पुराणिक भाया ॥
गीत पहेली श्रंखला की शुरुआत अब मानें ।
तरुण करें प्रस्तुत, होगी कब खत्म भला क्या जानें ॥
कवि यहाँ योगेन्द्र मौद्गिल हैं पानीपत वाले ।
है उदास पानी...कहते आँखों में आँखें डाले ॥
सतीश पंचम को पढकर अब पाठक थोडा हँस लें ।
कविता वाचक्नवी पढें चिट्ठाचर्चा में रस लें ॥
कल के ब्लॉग अगर पढने हों स्वप्नलोक में जाएं ।
हिन्दू कैसा कट्टर पंथी रचना सिंह बताएं ॥
तथाकथित बुद्धिजीवी भी सावधान हो जाएं ।
जवाब माँगेंगे धीरू सिंह अब दरवार लगाएं ॥
पढे अलग सा तो गारण्टी अलग माल ही पाएं ।
कभी न करें कुतर्क यही तो परमजीत फरमाएं ॥
बच्चों का भी ब्लॉगजगत पर काफी मटेरिअल है ।
बाल उद्यान लगा सीमा ने सपना किया रिअल है ॥
बर्बरीक की कथा सुनो मग्गा बाबा से सारे ।
देश है वीर जवानों का खुलकर अविनाश पुकारे ॥
अपने आशिक का सर्वर शटडाउन हुआ आप ही ।
प्लेटोनिक ही असल प्रेम है बाकी सडक छाप ही ॥
पुसादकर जी का सवाल टी वी का स्तर गिरता ।
श्रेष्ठ पुस्तकें रखीं यहाँ कहाँ मारा मारा फिरता ?
कार्ड खुरच कर मूर्ख बनो यह मसिजीवी बतलाते ।
ठीक-ठाक हैं तरुण आज क्यों इतना प्यार जताते ?
बहुत बढ़िया विवेक भाई... छा गये हो..
जवाब देंहटाएंआपकी काव्यात्मक चर्चा रोचक रही।
जवाब देंहटाएंनया अंदाज़ जवानों का !
जवाब देंहटाएंवाह वाह ! तालियाँ !
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा लगी यह
जवाब देंहटाएंविवेक भाई की जय हो
जवाब देंहटाएंकरते है ब्लाग पर चर्चा
न करना पड़ता खर्चा
टिपिया कर करिये प्रमाण
स्वागत योग्य है ये पर्चा।
जै हो...
जवाब देंहटाएंअरे भाई इसे समाचार नहीं ,ब्लागचालीसा पढ़िये....
शुक्रिया विवेक भाई....
यह अदा यादगार रहेगी! बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंहाथरस के पास अलीगढ ,उसके लाल विवेक
जवाब देंहटाएंचिटठा चर्चा करने लगे वाह भाई वाह विवेक
पहर तीसरे पोस्ट लिखी, कुछ और नहीं, क्या गजब है भाई
जवाब देंहटाएंब्लागर पर जो जीव दिखते, सभी तो रात ही के मौज़ है भाई
जानता न था कि यह पोस्ट निकरेगी, सब पोस्टॊं की ताई
भूण जो डाला निज गुरुवर ने, उपजी विचारों की यह अँगड़ाई
जय हो.. जय हो
इस चर्चाकार के टिप्पणी बक्से में बरक्कत हो
बहुत गजब का ब्लॉग चालीसा ! धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंनमस्कार ! यह चिट्ठा समाचार हैं !
जवाब देंहटाएंसमाचार नहीं है शब्दों का हार ..!!
कविता में चर्चा असरदार
विवेकजी कवि हैं ज़ोरदार
चलो चिट्ठा चर्चा ने
लिया एक नया आकार
वाह क्या बात है
आप सबका आभार
वाह! यह इश्टाइल भी पेटेण्ट कराने योग्य है। अनूठा और सुन्दर।
जवाब देंहटाएंप्रयोग है बहुत अच्छा यह,
जवाब देंहटाएंसुनिये हमारी,
लिखते रहें नियमित
हफ्ते हफ्ते,
दौड आयेंगे लोग
चिट्ठा चर्चा की ओर,
जब सुनेंगे वहां
विवेक के पदचाप!!
आगे आकर अनूप जी और आप के बीच एक कांपीटीशन की गुंजाईश दिखती है!!
जवाब देंहटाएंaap yuhi likhtey rahey
जवाब देंहटाएंlae hamaari bhadhii
chithacharcha ab
kuchh rang layee
kalam vivek ki
jab chalii
anup chittahcharcha hui
ये अंदाज भी खूब है !
जवाब देंहटाएंtussi te cha gae ho....
जवाब देंहटाएंbadhaaee
वाह,वाह मजे आ गये। ऐसे ही जमाये रहो!
जवाब देंहटाएंयह तकनीक हम को भी भाई
जवाब देंहटाएंखोपड़ी में सीधे ही घुस आई
क्या खूब जमाई! बधाई!
जवाब देंहटाएंबहुत सही समाचार पेश करने का अंदाज है भाई, अतः बधाई.
जवाब देंहटाएंप्रेम पाग में रची बसी ये रचना ,
जवाब देंहटाएंबना लेगी, बेशक, यह सब को अपना।
आदाब अर्ज़ है !
जवाब देंहटाएंJAI HO SHREEMAAN
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