चिट्ठों के चर्चे सुबह सुजाता ने किये। अब कल सुबह तरुण चर्चा करेंगे। इस बीच एकाध चिट्ठे के बारे में बतिया लूं।
इस बीच ज्ञानजी के ब्लाग पर कुछ समझदार लोग आये और उनकी कविता के बारे में सवाल दाग दिया- क्या यही कविता है। हमसे मिलते-जुलते विचार लेकिन ज्यादा बोल्ड। असल में कोई आदमी छुपकर अंग्रेजी बोले तो कान्फ़ीडेन्स बढ़ जाता है।
कुछ खुराफ़ातियों का मानना है कि ज्ञानजी कि कहीं ज्ञानजी के किसी चेले ने तो नहीं इत्ती बेबाक बात कही? ताकि टिप्पणी का पचासा हो जाये? हम ऐसा नहीं मानते हैं जी।
डा.अमर कुमार कम लिखते हैं। लेकिन जब लिखते हैं तो खूब लिखते हैं। कल की माइक्रो पोस्ट में उन्होंने न जाने कित्ते पहलुओं पर नजरे इनायत की। पता नहीं कैसे कल छूट गयी। भाषा काशीनाथ सिंह के घराने की। न जाने कौन सी कुंजी लगी है वहां कि पोस्ट से कापी करके यहां पेश नहीं कर पा रहे। आप उधरिच पढ़िये जी।
एक-दूजे के लिये डा.अनुराग आर्य के सौजन्य से
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- मेरे तो तुम ही हो :और किसी के होने की सोचना भी नहीं
- मुझे मेरी पत्नी से बचाओ :वर्ना मैं कहीं का नहीं रहूंगा!
मुझे मेरी पत्नी से बचाओ
और अंत में
आज काफ़ी देर इधर-उधर उलझे रहे। चर्चा के लिये चिट्ठे देखे तो तमाम शानदार च जानदार चिट्ठे लिखे गये आज। सचिन के रिकार्ड पर काफ़ी कुछ लिखा गया।
आज अनुराग आर्य ने एक-दूजे के लिये उपलब्ध कराये। पोस्टॊं के शीर्षक से खुराफ़ती गठबंधन बनाना डा.अनुराग और तरुण जैसे लोगों के बस की ही बात है।
शाम की चर्चा मैंने यह सोचकर शुरू की थी कि मौजा ही मौजा वाले अंदाज में कुछ चिट्ठों की जानकारी दे दिया करेंगे। कल मजाक-मजाक में दो घंटे घंटे। आज भी दो घंटे लग गये तब कहीं यहां तक आ पाये।
कविता वाचक्नवीजी ने भी चर्चा करने के बारे में स्वीकृति दी है। जल्द ही वे चर्चाकार मण्डली में शामिल होंगी।
फ़िलहाल इतना ही। आज आप मौज करिये। फ़िर कल बतियाते हैं।
कविता वाचक्नवीजी ने भी चर्चा करने के बारे में स्वीकृति दी है। जल्द ही वे चर्चाकार मण्डली में शामिल होंगी।
जवाब देंहटाएंसूचना के लिए आभारी हूँ
चर्चा नैनो थी माफ़ कीजिए बुन्देली में कह रहा हूँ *"नोनी हथी..!" {*बेहतरीन-थी}
आप और अनुराग जी धन्य को भी और वाद को भी यानि थैंक को भी और यू को भी बराबर बराबर हिस्सों में बाँट लें। यह हमारी गुजारिश ही मानी जाए।
जवाब देंहटाएंसभी ब्लागरों को चर्चा लेखकों की आबादी में वृद्धि की और अभय तिवारी को जन्मदिन की बधाई।
जवाब देंहटाएंडॉक्टर साब का स्वागत है ! और आप तो जमाइए रहे हैं.
जवाब देंहटाएंइस बार चौके लगाये भई तुमने लगे रहो!
जवाब देंहटाएंअभय को यहीं बधाई दे दें। एक व्यक्ति के रूप में वह मुझे बहुत प्रिय हैं।
जवाब देंहटाएंआप जैसों की कृपा रही तो "समझदार ब्लॉगर असोसियेशन" आलोचना से ५० क्या ५०० टिप्पणियों के रिकार्ड पायेगी! आप ऐसे ही हेल्प करते रहें। :-)
ये बढ़िया चला आपका और अनुराग जी गठबंधन!! अनुराग जी के तो क्या कहने...आते हैं, छा जाते हैं.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा..बनाये रखिये.
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जवाब देंहटाएंअभय जी को जन्मदिन की बधाई।
जवाब देंहटाएंअभय भाई को जन्म दिन की बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंकविता वाचक्नवीजी को शुभकामनाऍ नया काम शुरू करने के लिए, उन्हें अपार समय और धीरज मिले:)
जवाब देंहटाएंsabhi sathiyon ko bahut bahut shukriya!
जवाब देंहटाएंjanmadin thik-thak nibat gaya.. badhaiyan kaam aain
जवाब देंहटाएंjanmadin thik-thak nibat gaya.. badhaiyan kaam aain
जवाब देंहटाएंकल पढ़ नहीं पाया आज पढ़ रहा हूं वाह अनुराग जी बहुत खूब। और अभय जी को जन्मदिन मुबारक।
जवाब देंहटाएं"शाम की चर्चा मैंने यह सोचकर शुरू की थी कि मौजा ही मौजा वाले अंदाज में कुछ चिट्ठों की जानकारी दे दिया करेंगे। कल मजाक-मजाक में दो घंटे घंटे। आज भी दो घंटे लग गये तब कहीं यहां तक आ पाये।"
जवाब देंहटाएंआप समय का जो निवेश कर रहे हैं, ईश्वर करे कि आपको यह चक्रवृद्धि ब्याज के साथ वापस मिल जाये -- जिससे कि और अधिक चर्चा के लिये समय निकल आये!!!
सस्नेह -- शास्त्री
अभय जी को जन्म दिन की शुभकामनाये ...(देर से ही सही.)...एक दूजे के लिए ....सही नाम दिया आपने ....... आज दो दो दो चर्चाये दिख रही है.
जवाब देंहटाएंअभय भाई को बढ़िया... डा. साहब का एक दूजे के लिए कमाल है.. और आपकी एक लाइना तो धमाल है..
जवाब देंहटाएंअभय जी को जन्मदिन की बधाई ..एक दूजे के लिए बहुत बढ़िया रहा .
जवाब देंहटाएंटिप्पणी प्रतिटिप्पणी का सिलसिला कहाँ गया ? ज्यादा नहीं तो दो एकाध नाम के लिए तो रखते . वैसे चर्चा टनाटन रही !
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