एक लाइना
- कभी हम खूबसूरत थे : अब ब्लागर होकर रह गये हैं
- देर से क्यों जागी सरकार? : अलार्म बजा ही नहीं था
- लिव-इन-रिलेशनशिप क्या पसंद का मामला नहीं है?: किसी को पसंद आ गये क्या द्विवेदीजी?
- अहमदाबाद में एक यादगार दिन :दुकान वाले ने ऊपर से नीचे तक घूरकर देख डाला
- आस्ट्रेलिया चारो खाने चित भारत की रिकार्ड जीत: अब आस्ट्रेलिया आराम तो करेगा चित होकर
- भीड़ में अपना चेहरा दिखाना चाहते हो तो पुकारो अश्लील, अश्लील!!!:लेकिन शर्त यह है कि अश्लील कायदे का हो।
- इक जरा छींक ही दो तुम : तो गला साफ़ हो जाये
- कहो तो चड्डी खोल दू : रहन दो बेकार में जाड़ा लगेगा
- दूसरे की रोटी छीनना है शैतान का काम : शैतान लोग आजकल बहुत काम करने लगे हैं
- अकेले राज ही तो कसूरवार नहीं :ठाकरे का भी तो हाथ है कसूर में
- अमेरिकी अर्थ से अनर्थ :स्टोरी काफी इन्ट्रेस्टिंग है
- जहीर पर मैच फीस का अस्सी फीसदी जुर्माना : बुदबुदाने पर यही होता है इससे अच्छा तो चिल्ला देते
- प्लास्टिक के तालाब: कृषि पर नया खतरा : बताओ किसान कैसे जियें?
- ब्लॉग्गिंग के कुछ आजमाए नुस्खे:सिखाने को ब्लागर ही मिले हैं
- मुफ्त में जुर्म सहती जाना :आजकल मुफ़्त में चीजे बड़ी मु्श्किल से मिलती हैं
- ब्लॉगर या टिप्पणीकार -काके लागूं पायं ! : जो ब्लाग पर नित आकर टिपियाय
- राज ठाकरे किस खेत की मूली हैं: खेत पता चले तो मूली उखाड़ें
- दुल्हन के साथ :एक दूल्हा तो हो
- आत्मदाह का प्रयास करने वाले कांग्रेसी पहुचे जेल...:अब उनका निकलेगा तेल
- " मरा हुआ इंसान " :कितना शांत लगता है
- हिन्दी अकादमी में कविसम्मेलन सम्पन्न:कवि गण दिखे खुश/प्रसन्न
- संपादक मेहरबान तो ........पहलवान : रिक्त स्थान पर अपना नाम भरें
- कौन है मुंबई का असली ठाकरे: बूझो तो जाने
- "फोर लिक्विड स्टेजेस ऑफ लाइफ" :दूध,कोला,दारू और यूरीन की थैली
- किरण .......मेरठ की बहादुर बाला:शानदार/जानदार
- भारत जल पोर्टल को मंथन पुरस्कार :बधाई है सरकार
- भूख हिलोरे लेती है हर सुबह... :और लोग घर से निकल पड़ते हैं...
- कल अशफाक का जन्मदिवस है :रख दे कोई ज़रा सी, खाके वतन कफ़न में।
- आज़ाद भारत के भारतीय लुटेरों का कर-स्वर्ग :स्विस बैंक
- नारी संघर्ष के ये दो सशक्त चेहरे हैं। :दोनों पर लगे सख्त पहरे हैं!
- पप्पू कांट डांस साला... :यही तो है गड़बड़झाला
- उसने दरवाजे की चौखट पर खड़े होकर कहा वह कहीं नहीं जायेगी : वहीं खटिया बिछा के सो जायेगी
- ये इश्क ले आया मुझे .. : इस ब्लाग पर फ़ुसलाकर
- बोहत दिनों के बाद : बोहत तारे निकले हैं
- पन्ने हवा में अभी भी उड़ रहे थे.. : समेटॊ भाई कागज बहुत मंहगा हो गया है
- हुई करारी हार बहुत रोए कंगारू: रूमाल भी बेचारों के पास न था
- 20 रूपए महीने में शायर बना रहे हैं ?:सारे ब्लागर क्या वहीं जा रहे हैं?
- बचपन और बड़े होने के बीच : हमारी मर्जी का राज फ़ैला होता है
- शक्ल ही नही आदत भी बहुत मिलती है ताई से ! : इसीलिये थप्पड़ गाल से जा मिला
- यूनिटी डार्लिंग ने अपनी आत्मकथा सुनानी शुरू की !:और भूतनाथ की पलकें झपकने लगीं
- मगर तुम जानकर मेरे वो सारे राज़, क्या करते। :ब्लैकमेलिंग
- मोबाइल फोनों पर बढ रहा है वाइरसों का खतरा :इसलिये बात करते समय मोबाइल ’स्विच आफ’ कर दें
- अब होगा ईमानदार डॉक्टरों का अकाल :मतलब यथास्थिति बनी रहेगी।
- चाँद कल गिर पड़ा था आँगन में : बेचारे के घुटने छिल गये।
- पोते की अंग्रेजी से खुश दादाजीदादाजी खुश किस भाषा में हुये?:
- होश में आओ ठाकरे:वर्ना हम गुदगुदी कर देंगे
- तौबा ! बीमार पड़ने के शौक से........ : पड़ने के बाद शौक छोड़ा!
- ऐ हिन्द की देवी!हम बहुत शर्मिंदा हैं...:इसीलिये हम जिंदा हैं!
- जीवन एक रेखागणित : गणित से पीछा नहीं छूटने वाला
- टिप्पणी में क्या नहीं लिखना है ? : एक भी शब्द नही लिखना है भाई!
- कहीं उत्तराखण्ड झारखण्ड न बन जाये :पूरा उठा के लाना पड़ेगा
- शहीद पुलिस :का दिवस २१ अक्टूबर को होता है
- राज ठाकरे को हीरो मत बनाओ...:उसे वोलेन के रोल भी दे दो भाई!
- कभी-कभी कलम भी कुछ आराम चाहती है।: मुंह ढक के सोचा चाहती है
- आधा अधूरा चाँद : लेकर क्या करें? ओढें कि बिछाई
- अंग्रेजों की मिस्टेक: विवेक सिंह ने अपने ब्लाग पर की
- अन्तरात्मा खडी़ बजार में...:सेंसेक्स को नीचे घसीट रही है।
- किसी को तुम पुकार कर देखो: मजाल है कि कोई पलट के जबाब देने आये!
- मौन की अपराधिनी :हल्ला मचा रही है
- बिकने से क्या बचेगा :इस बारे में तू कुछ भी न सोच
- सरकारी ठेकेदार ठेके के चलते नहीं हो सकते चुनाव में प्रत्याशी:ठेका खड़ा कर दें तब?
- आओ मुझे बदनाम करो.....!!":बदनामी के बिना गुजारा नहीं आजकल
- अप्रेरक प्रसंगः दोस्त वही जो प्रभावशाली :टिप्पणीकार हो
- कब तक माफी मांगते रहोगे भज्जी !: जब तक शरीर में जा और मुंह में जबान है
- आज हवाओं का रुख कुछ और ही है :टोपी उड़ी जा रही है
- जब भी बुलाओगे मुझे :मैं कहूंगी -अभी आई!
- मुस्लिम भाइयों आप ख़ुद अपने धर्म के दुश्मन बन रहे हो?: हमारी तरह!
- कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को: ब्लागिंग की लत बहुत है उसे मटियाने को
- ब्लागिंग ने तुड़वाई शादी : इससे अधिक खुशी कोई और आदत दे सकती है भला!
आपका क्या कहना है:- जय हो अनूप जी की :-)
जवाब देंहटाएंशुक्ल जी मजा आ गया ! सोने की तैयारी में थे की आपकी एक लाईना दिख गई ! पुरी की पूरी मजे ले ले कर पढी ! बहुत धन्यवाद आपने इतनी सारी एक लाईना लिखी इस समय ! शुभरात्री !
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर ! पर इसमें तो बहुत सारी लाइनें है .
जवाब देंहटाएंगज़ब कर दिया अनूप जी,गज़ब कर दिया।
जवाब देंहटाएंAap ne to kamal kar diya.
जवाब देंहटाएंएक लाइना का लुत्फ़ "अपनी लाइना" देख कर और बढ़ गया. आभार आपका.
जवाब देंहटाएंबस? लाईनें ही लाईनें!
जवाब देंहटाएं६९ वैगन की रेलगाड़ी पर फुरसतिया का इन्जन! बहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएं"आपका क्या कहना है?"
जवाब देंहटाएंपूछने के लिये आभार कि हमें क्या कहना है!!
आगे से जब कुछ लिखने की फुर्सत न हो तो कम से कम इस तरह के एक-लाईने जरूर पेल देना. कठिन काम है लेकिन इसके द्वारा आप हिन्दीजगत का कितना भला कर रहे हैं यह आप फिलहाल नहीं समझ पायेंगे.
पाठकों से अनुरोध है कि वे दोचार बार एक-लाइने जरूर लिखने की कोशिश करें. आप हाथ उठा देंगे एवं अनूप को दस गुना इज्जत से देखने लगेंगे.
यह तो मैंने अभी पढ़ी एक लाइना....बहुत मजेदार लिखी है यह .
जवाब देंहटाएंशतक से चूक गये :(
जवाब देंहटाएंअगली पारी में इंतजार करूँगा
आहा ...ऐसा लगता है.....अब आपको कहना पढेगा की छोड़ो अपना ब्लॉग एकलाइना का पेटेंट करवा लो......आज की तीन सबसे शानदार.........
जवाब देंहटाएंअब होगा ईमानदार डाक्टरों का अकाल =# मतलब यथास्थिति बनी रहेगी।
उसने दरवाजे की चोखट पर खड़े होकर कहा वो कही नही जायेगी =# वहीं खटिया बिछा के सो जाएगी
ओर ये तो सबसे झकास है जी........
कहे तो चड्डी खोल दूँ =रहन दो बेकार में जाड़ा लगेगा
Mast, Patent le lijiye, meri pasand ki rahin
जवाब देंहटाएंलिव-इन-रिलेशनशिप क्या पसंद का मामला नहीं है?: किसी को पसंद आ गये क्या द्विवेदीजी?
किसी को तुम पुकार कर देखो: मजाल है कि कोई पलट के जबाब देने आये!
चाँद कल गिर पड़ा था आँगन में : बेचारे के घुटने छिल गये।