शनिवार, दिसंबर 23, 2006

मध्यान्हचर्चा दिनांक: 23-12-2006

संजय खस्ताहाल अवस्था में कक्ष में कदम रखा, आज वे दिन भर खुब व्यस्त रहे थे. अब हिम्मत नहीं थी की स्क्रीन पर आँखे गड़ाये. पर बॉस का आदेश हुआ की इन दिनो काम में ढ़िलाई आ गई है, तत्काल हाजिर हो.
संजय : महाराज आँखे थक गई है, ज्यादा दूर तक नहीं देख पाऊँगा, पर चर्चा सुनी न रहे इसलिए थोड़ा भ्रमण कर लेता हूँ.
धृतराष्ट्र : ठीक, मुझे भी बिना चर्चा सुने कोफी में आनन्द नहीं आता.
संजय : महाराज चुनावों को लेकर नए ब्लोगर उत्साहित है. घोषणापत्र जारी किये जा रहे हैं. जहाँ पंकजजी, समीरलालजी तथा श्रीशजी ने अपने घोषणापत्र जारी किये थे, सागरचन्दजी , उन्मुक्तजी तथा शुएब ने भी अपना घोषणापत्र जारी किया है. चुनावों को लेकर कोई संशय हो तो इसे दूर करने के लिए यहाँ जा सकते हैं. लगे हाथ महाशक्ति ने भी चिट्ठाजगत में अपनी वापसी की घोषणा कर दी है.
धृतराष्ट्र : लागी छूटे ना....
संजय : सही कहा आपने. भोजपुरी के गीत ले कर आएं हैं शशीसिंह तथा कहावते लाएं हैं प्रभाकरजी.
धृतराष्ट्र : कवियों का क्या हाल है?
संजय : महाराज एक कि खबर तो है की वे उड़नतश्तरी पर सवार हो सैर पर चले गए हैं बाकि रंजूजी कुछ उदास-सी है. बिते हुए पल में आखिर कब तक उनका अहसास पाती रहें.
रविजी इंटरनेट के फ़िशिंग हमलों से सचेत कर रहें है, तो हिन्दू जागरण देश पर हो रहे सांस्कृतिक हमलो को चुनौती दे रहे है.
महाराज आज इतना ही अब अनुमति दे, मैं होता हूँ लोग-आउट. अगली चर्चा विस्तार से होगी. छूट गए चिट्ठो के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ.

Post Comment

Post Comment

1 टिप्पणी:

  1. संजै भाई, कड़ै चले ग्ये। चिट्ठाचर्चा पढ्ढे बिना इब जी को नी लगदा। :)

    जवाब देंहटाएं

चिट्ठा चर्चा हिन्दी चिट्ठामंडल का अपना मंच है। कृपया अपनी प्रतिक्रिया देते समय इसका मान रखें। असभ्य भाषा व व्यक्तिगत आक्षेप करने वाली टिप्पणियाँ हटा दी जायेंगी।

नोट- चर्चा में अक्सर स्पैम टिप्पणियों की अधिकता से मोडरेशन लगाया जा सकता है और टिपण्णी प्रकशित होने में विलम्ब भी हो सकता है।

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Google Analytics Alternative